वैश्विक शांति और भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए
अंतर्राष्ट्रीय और वैश्विक अधिकारों के लिए मिशन
हमारी द्रिष्टि
वैश्विक संचार, वैश्विक अर्थव्यवस्था और सीमाहीन विश्व बाजार के वर्तमान युग में घरेलू संविधान द्वारा जिस घरेलू नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षा के अधिकार की गारंटी दी गयी है, उसकी रक्षा मात्र देशों की घरेलू सरकार द्वारा नहीं की जा सकती है। यूक्रेन, इजराइल, गाजा और कई अन्य देशों में घटित युद्ध आपदाएँ हाल के ज्वलंत उदाहरण हैं। इन देशों के संविधान में भी घरेलू नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षा के अधिकार की गारंटी दी गयी है. ऐसे युद्ध की पुनरावृत्ति भविष्य में बार-बार होती रहेगी। क्योकि ऐसे युद्धों को तत्काल रोकने एवं रोकने की प्रभावी व्यवस्था का अभाव है. इसलिए विश्व शांति बनाए रखने के लिए प्रभावी संस्था/सरकारों की आवश्यकता है। मिशन फॉर ग्लोबल चेंज ने राज्य मशीनरी की एक ऐसी शक्ति संरचना विकसित की है जो इस उद्देश्य को प्राप्त करनेमें सक्षम हो सकती है।
192 देशों के राष्ट्रध्यक्षों को पूरे विश्व की साझी संसद और सरकार बनाने का प्रस्ताव भेजा गया
संयुक्त राष्ट्र वर्तमान में देशों के बीच द्विपक्षीय और बहुपक्षीय युद्धों को रोकने में विफल रहा है। अगर भारत और चीन के बीच युद्ध शुरू होता है, तो भारत में हमारे घरों पर मिसाइलों की बारिश शुरू हो जाएगी। संयुक्त राष्ट्र कुछ नहीं कर पाएगा। तब एक भारतीय नागरिक होने के नाते हमारे हाथ से सब कुछ निकल जाएगा। इसलिए समय रहते शांति की व्यवस्थित व्यवस्था की जाए। शांति तभी संभव है जब दुनिया के सभी देशों की एक साझी राष्ट्रीय संसद और संयुक्त राष्ट्रीय सरकार (यूएनजी) हो। जब तक दुनिया भर की सरकारें इस उद्देश्य के लिए एक संधि नहीं करती हैं, तब तक मिशन फॉर ग्लोबल चेंज (एमजीसी) कुछ अंतरिम संसद और बाद में कुछ अंतरिम सरकारों का गठन करना चाहता है। युद्धों पर कानूनी प्रतिबंध लगाने और विश्व शांति सुनिश्चित करने के लिए, श्री विश्वात्मा (उर्फ भरत गांधी) ने 2006 से विश्व सरकार और विश्व संसद जैसी संस्थाओं के गठन के लिए दुनिया भर के सभी देशों के राष्ट्रपतियों को कई बार लिखा है। फरवरी, 2024 में काठमांडू में आयोजित 92 देशों के एक सम्मेलन में, मिशन फॉर ग्लोबल चेंज (MGC) ने विश्व के देशों के प्रमुखों से विश्व संसद और विश्व सरकार बनाने का अनुरोध करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया। ताकि विश्व शांति संभव हो सके और विकास की वैश्विक भागीदारी सुनिश्चित हो सके। क्षेत्रीय शांति और सामूहिक प्रगति सुनिश्चित करने के लिए दक्षिण एशियाई संसद और दक्षिण एशियाई सरकार बनाने के लिए प्रस्ताव भी पारित किया गया। यह प्रस्ताव अप्रैल 2024 में भारत सहित 192 देशों के राष्ट्रपतियों को एक प्रत्यावेदन, दिनांक 10 अप्रैल 2024 के माध्यम से भेजा गया था। भारत के राष्ट्रपति को 05 जुलाई, 2024 के प्रत्यावेदन के माध्यम से फिर से याद दिलाया गया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि यदि दुनिया भर के देशों के प्रमुख 6 महीने के भीतर अंतर्राष्ट्रीय संधि करके विश्व सरकार का गठन नहीं करते हैं, तो संयुक्त राष्ट्र दिवस 24 अक्टूबर 2024 को शांतिकर्मियों द्वारा अंतरिम संसद और दुनिया की अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा। प्रस्ताव में कहा गया है कि इसी तारीख को दक्षिण एशियाई राष्ट्र संघ की अंतरिम संसद और अंतरिम सरकार का भी गठन किया जाएगा। दिल्ली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन के दौरान यह ऐतिहासिक घोषणा किया गया है।
वैश्विक अधिकारों और युद्ध की रोकथाम पर 24-25 अक्टूबर, 2024 को नई दिल्ली में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन संम्पन्न हुआ
भारतीय राजधानी के नई दिल्ली शहर के केंद्र में स्थित प्यारेलाल भवन के गांधी मेमोरियल सभागार में नई दिल्ली में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न हुआ। भारत के कई राज्यों और कई देशों के लगभग 900 प्रतिभागियों ने भाग लेने के निमंत्रण पर सम्मेलन में भाग लिया। इस सम्मेलन का उद्घाटन करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को एक निमंत्रण पत्र भेजा गया है। लेकिन ब्रिक्स इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के कारण वे उन दिनों मॉस्को में थे. लगभग 56 वक्ताओं ने सम्मेलन को संबोधित किया और संयुक्त राष्ट्र को उन्नत करने के लिए अपनी गहरी चिंता व्यक्त की ताकि इस संस्था को युद्धों को रोकने और प्रतिबंधित करने में सक्षम बनाया जा सके। आप YouTube चैनल - "चेंजमेकर्स" पर जाकर वक्ताओं के वीडियो देख सकते हैं। सम्मेलन में सभी प्रतिभागियों ने वैश्विक अधिकार प्रदान करने और युद्धों को रोकने के लिए दुनिया के सभी देशों की अंतरिम संसद बनाने का संकल्प लिया और क्षेत्रीय शांति के लिए दक्षिण एशियाई देशों की अंतरिम संसद बनाने का भी संकल्प लिया। अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की रिपोर्ट उन 192 देशों के प्रमुखों को भेजी जाएगी, जिन्हें 10 अप्रैल, 2024 को प्रतिनिधित्व भेजा गया था।
11-13 अगस्त, 2024 को लखनऊ में एक सम्मेलन आयोजित हुआ
उक्त अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन से पहले 11-13 अगस्त, 2024 को लखनऊ में तीन दिवसीय मंथन बैठक संपन्न हुई। इस बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि मिशन फॉर ग्लोबल चेंज, एमजीसी अंतर्राष्ट्रीय और वैश्विक अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए एक नए संगठन की स्थापना करेगा। इस संगठन का नाम "ग्लोबल एग्रीमेंट ऑन पार्टिसिपेशन एंड पीस (GAPP)" रखा जाएगा। हिंदी में इसे "भागीदारी और शांति पर वैश्विक संधि (गैप)" कहा जाएगा। यह संगठन अंतरराष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर बनने वाली अंतरिम संसदों और अंतरिम सरकारों के सुचारू कामकाज के लिए सुनिश्चित करेगा। यूरोपीय संघ के समान दक्षिण एशियाई देशों और पूरी दुनिया के लिए अंतरिम संसदों और अंतरिम सरकारों के गठन की घोषणा 24 अक्टूबर, 2024 को सम्मेलन में की जाएगी। .
अंतर्राष्ट्रीयअधिकार
अंतर्राष्ट्रीय अधिकार नागरिकों के वे अधिकार हैं जिनकी रक्षा न्यूनतम दो राष्ट्र राज्यों द्वारा सामूहिक प्रयत्न से की जा सकती है। प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय अधिकारों की सूची विश्व परिवर्तन मिशन (एमजीसी) द्वारा 192 देशों के प्रमुखों और संयुक्त राष्ट्र के समक्ष अनुमोदन के लिए प्रत्यावेदन के माध्यम से प्रस्तुत की गयी है।
वैश्विक अधिकार
वैश्विक अधिकारनागरिकों के वे अधिकार हैं जिनकी रक्षा विश्व के सभी राष्ट्रों के सामूहिक सहयोगसे ही संभव हो सकती है। प्रस्तावित वैश्विक अधिकारों की सूची विश्व परिवर्तन मिशन, एमजीसी द्वारा 192 देशों के प्रमुखों के समक्ष और संयुक्त राष्ट्र के समक्ष अनुमोदन के लिए प्रत्यावेदन के माध्यम से प्रस्तुत की गयी है।
सांस्कृतिक राष्ट्रीयता की मुक्ति के लिए अंतर्राष्ट्रीय संधि
यह सर्व विदित है कि 1947 में भारत की सांस्कृतिक एकता को खंड-खंड करते हुए अंग्रेजों ने हमें जो भौगोलिक भारत सौंपा था। उस छोटे से भौगोलिक भारत की शीशी में विशाल सांस्कृतिक भारत की आत्मा का समा पाना संभव नहीं था। काया और आत्मा के इसी बेमेल रिश्ते के कारण लोगों को तमाम दुःख उठाने पड़ रहे हैं। इंटरनेट की खोज के कारण भारत की वैश्विक सस्कृति और वैश्विक राष्ट्रीयता का वृक्ष बहुत बड़ा हो चुका है। किंतु दुर्भाग्यवश भारत की सांस्कृतिक आत्मा को न तो ठीक से समझा गया और न तो भारत की सांस्कृतिक राष्ट्रीयता की मुक्ति के लिए वैश्विक कार्यक्रम ही चलाया गया।
अंतरिम संसद और दक्षिण एशियाई संघ और दुनिया की सरकार बनाने की पहल पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
मिशन फॉर ग्लोबल चेंज ने काठमांडू में आयोजित विश्व सामाजिक मंच के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान दक्षिण एशियाई देशों और पूरे विश्व की अंतरिम संसद की कुछ शर्तों पर गठन करने का प्रस्ताव पारित किया है। लोगों के अंतर्राष्ट्रीय और वैश्विक अधिकारों को प्रदान करने और उनकी रक्षा करने के लिए, एमजीसी पारित संकल्प के अनुपालन के लिए अथक प्रयास कर रहा है। अभिनव विचार को देखते हुए, दक्षिण एशियाई देशों और पूरी दुनिया के सभी देशों की अंतरिम संसद और अंतरिम सरकार के गठन की पहल पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों की एक लंबी सूची है। यदि आप अंतर्राष्ट्रीय और वैश्विक संसद और सरकारों के गठन पीछे मौजूद राजनीतिक विचारधारा और दर्शन को विस्तार से जानना चाहते हैं तो आपको इन विषयों पर लिखे गए श्री विश्वात्मा के साहित्य का अध्ययन करना चाहिए और वीडियो देखना चाहिए।
युद्धों की रोकथाम और वैश्विक अधिकारों पर सभा / संगोष्ठी / सेमिनार / कार्यशाला / प्रवचन / प्रशिक्षण
दक्षिण एशियाई देशों और पूरी दुनिया के देशों की संसद और सरकार की उपयोगिता, आवश्यकता और व्यवहारिकता का अध्ययन करने और समझने के लिए, आप अंग्रेजी और हिंदी में वीडियो देख सकते हैं। आप राजनीति में वैश्विक सुधारों के विषय पर साहित्य पढ़ सकते हैं। आगामी कार्यक्रम की जानकारी करके आप अपने अनुकूल समय और स्थान पर होने वाले सभा / सेमिनार / कार्यशाला / प्रवचन / प्रशिक्षण में शामिल हो सकते हैं। ये कार्यक्रम भारत और अन्य देशों के विभिन्न शहरों में समय-समय पर आयोजित किए जाते हैं। आप स्वयं ऑनलाइन फॉर्म प्रस्तुत करके अपने शहर में अपनी टीम के खर्चों पर सेमिनार / कार्यशालाएं आयोजित कर सकते हैं। विषयवस्तु के विशेषज्ञ सेमिनार में शामिल होने वाले लोगों के सामने विषय को प्रस्तुत करने और संबंधित प्रश्नों का उत्तर देने के लिए आपके निमंत्रण पर पहुंचेंगे। आपसे अनुरोध है कि आप हमारे कार्यालय में फोन नंबर- +919811305324 या +919818433422 पर कॉल करके या ऑनलाइन फॉर्म के माध्यम से अपनी भागीदारी को अग्रिम रूप से सूचित करें।
Literatures and Videos
यदि आप अंतर्राष्ट्रीय और वैश्विक संसदों और सरकारों के गठन के पीछे की राजनीतिक विचारधारा और दर्शन को विस्तार से जानना चाहते हैं तो आपको श्री विश्वात्मा के अंतर्राष्ट्रीय और वैश्विक शासन पर साहित्य का अध्ययन करना चाहिए और वीडियो देखना चाहिए।
अंतर्राष्ट्रीय संगठन - GAPP से जुड़ें
यदि आप पहले से ही यूरोपियन देशों के संघ की तरह दक्षिण एशियाई देशों के संघ और दुनिया के सभी देशों की एक विश्व सरकार की अंतरिम संसद और अंतरिम सरकार के गठन की उपयोगिता, आवश्यकता और व्यवहार्यता से आश्वस्त हैं। तो आप अंतरिम संसद में सदस्य के रूप में शामिल हो सकते हैं। पदाधिकारी या अंतरिम संसद में सदस्य के रूप में काम करने में "भागीदारी और शांति पर वैश्विक संधि" (ग्लोबल एग्रीमेंट ऑन पार्टिसिपेशन एंड पीस, GAPP) नाम के अंतर्राष्ट्रीय संगठन की कार्य योजना (रोडमैप) और इसके संविधान से बहुत मदद मिल सकती है। आप ऑनलाइन प्राथमिक सदस्यता फॉर्म प्रस्तुत करके गैप (GAPP) के प्राथमिक सदस्य के रूप में शामिल हो सकते हैं। प्राथमिक सदस्य के रूप में शामिल होने के बाद आप गैप (GAPP) में सक्रिय सहयोग और अपनी प्रोन्नति के लिए ऑनलाइन पदाधिकारी का फॉर्म भर सकते हैं। आप ऑनलाइन पदाधिकारी फॉर्म को प्रस्तुत करके फोन नंबर- +919811305324 या +919818433422 पर हमारे कार्यालय में फ़ोन करके अपने प्रश्नों के उत्तर प्राप्त हैं।
संपर्क करें
कोई भी प्रश्न/सुझाव भेजने के लिए ईमेल के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकता है। केवल प्रासंगिक ईमेल का जवाब दिया जाएगा। आप शीध्र उत्तर चाहते हैं तो हमारे कार्यालय को फ़ोन- 9811305324, 9818433422 पर फ़ोन भी कर सकते है.